राकेश अस्थाना कौन हे जिसने बहुचिर्चित चारा घोटाले का किया था पर्दाफाश, जानिए उनके बारे में ये रोचक जानकारी

आई.पी.एस. राकेश अस्थाना झारखण्ड के रहने वाले हैं राकेश अस्थाना का जन्म स्थान झारखण्ड की मौजूदा राजधानी रांची में है इनकी एजुकेशन भी झारखण्ड से ही हुई है झारखण्ड के जिस विद्यालय में इन्होने पढ़ाई की है उसी विद्यालय में इनके पिता भौतिक विज्ञान के शिक्षक रहे हैं । राकेश अस्थाना का जन्म सन १९६१ में हुआ था राकेश अस्थाना ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा की पढ़ाई की थी। उसके बाद उन्होंने 1984 में यु.पी.एस.सी. की परीक्षा दी थी और उसमे उन्होंने सफलता हासिल की। और गुजरात कैडर में वो आयी.पी.एस. अधिकारी बन गए। उसके बाद कई राज्यों के उच्च अधिकारी के पद पर उन्होंने काम किया जैसे की धनबाद में सी.बी.आयी. की एक ब्रांच में वो एस.पी. रहे और रांची में राकेश अस्थाना डी.आयी.जी. पद पर भी रहे थे । 1994 में जो पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप केस था उसकी सुपरवाइज़ की थी और उस केस की तहकीकात भी इन्होने ही की थी।

बिहार का बहुचिर्चित चारा घोटाला में लालू प्रसाद से जिस अधिकारी ने पूछताछ की थी वो राकेश अस्थाना ही थे तब से उनका नाम और चर्चा में आगया था जब राकेश अस्थाना के पास चारा घोटाले पर लालू प्रसाद का केस आया था उस समय उनकी उम्र केवल ३५ साल थी | उस समय उनको ये जिम्मेदारी दी गयी थी तो उनका नाम सुर्ख़ियों में आने लगा था। सबसे पहले लालू प्रसाद के खिलाफ चारे घोटाले में चाजर्शीट राकेश अस्थाना ने ही १९९४ में फाइल की थी । उनकी एस हिम्मत और ईमानदारी पे पुरे देश को गर्व हुआ और राकेश अस्थाना द्वारा चार्ज शीट तैयार करने के बाद ही लालू प्रसाद को गिरफ्तार किया गया था । राकेश अस्थाना का नाम ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के तौर पर लिया जाता रहा है।

राकेश अस्थाना का नाम और कई मामलो से जुड़ा हुआ हैं एक और विख्यात मामला उनके सी.बी.आयी. में थे तब हुआ था तब वे विवादों में रहे थे जब राकेश अस्थाना गुजरात कैडर में आयी.पी.एस. अधिकारी के पद पे थे और उसी समय उनके उच्च अधिकारी से उनकी लड़ाई झगड़ा हो गया था तब उसके बाद उनका स्थानांतरण सी.बी.आयी. से बाहर कर दिया गया था, और उनको बी.एस.ऍफ़. का डी.जी. पद दिया गया था । राकेश अस्थाना का नाम पुरे देश में उस समय चर्चा में आया जब उन्होंने लालू प्रसाद से चारा घोटाले के केस में पूछताछ की थी। धनबाद के डीजीएमएस के महानिदेशक को घूस लेते अस्थाना ने पकड़ा था पूरे देश में उस समय ये पहला मामला था जब इतने बड़े अधिकारी महानिदेशक सीबीआई जांच में पकडे गए थे।

यही नहीं अस्थाना द्वारा गोधरा कांड की जांच भी की गयी थी और गोधरा कांड के केस को सिर्फ २२ दिनों में सुलझाने का रिकॉर्ड भी अस्थाना के नाम ही है अहमदाबाद में २६ जुलाई २००८ को बम्ब ब्लास्ट हुआ था और सरकार द्वारा ये जिम्मेदारी राकेश अस्थाना को दी गयी थी।

उसके बाद आसाराम बापू कांड जिसे कोण नहीं जनता है पुरे देश में आसाराम बापू के कांड समाचारो में सुर्ख़ियों में थे वो साल था २०१४ . उसके साथ ही आसाराम बापू के बेटे नारायण साई का केस भी जनता के सामने आया था नारायण साई जैसे ही केस में फसा तो वो फरार हो गया था जिसे दिल्ली हरियाणा के आस पास पकड़ा था इसकी जांच का जिम्मा भी राकेश अस्थाना को दिया गया था । अस्थाना को सीबीआई का एडिशनल डायरेक्टर बनाया गया था वहां भी उनके साथ एक और विवाद हुआ था परन्तु वहां से उनके मामले को कोर्ट द्वारा उनके पक्ष में फैसला देते हुए मामले को खारिज कर दिया गया था।

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