तनाव जल्दी खत्म होता है अगर दो लोगो के बीच सम्बन्ध है वैसा वाला तो…जानिए कैसे !

दो लोगो के बीच मधुर संबंध बनाने में बहुत लोगो को समझौते करने पड़ते है और कुछ लोगो का जीवन आसान और सुखमय होता है. क्यों की वो आपस में ऐसा दृष्टिकोण बना लेते है की उनके विवाद का समाधान हो सके. जोड़े में जो भी रिश्ते होते है उनके झगडे के मुद्दे या तो घरेलू होते है या पैसो को लेकर या और कोई भी दूसरे के बारे में हो सकते है.

आजकल हम देखते है की जीवन के हर विषय पर चर्चा और शोध होने लगा है.

तो शोध में जानकरी हमने प्राप्त की है की जो युगल (कपल) खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे है उनके बीच जो झगडे होते है जो की शिक्षित है वो कैसे अपने झगडे को सुलझाते है. जो युगल (कपल) अपने जीवन में खुश है वो झगडे की परिस्तिथि में विनीत भाव से (पोलाइटली) धीरज से कम लेते है. और जिस बात को लेके उनके बीच विवाद होता है उसपर वो चर्चा करते है उस विषय पर विचार विमर्श करते है.

शोध में टीम ने दो अलग भाग किये उसमे उनको जो पड़े लिखे लोग थे उनका जीवन ज़्यादा सफल प्रसन्न दिखा वो लोग खुश थे विवाद के बावजूद, क्यों की वे अपने विवाद को कैसे सुलझाना है वो सब समझते थे.

एक शोध किया गया जिसमे कुछ युगल से बात चीत हुई उनमे वो अलग अलग आयु के थे उसके आसार उनसे बात करने से जानकारी हुई की कुछ के विवाह को ९-१० वर्ष हुए है तो कुछ के विवाह को ३०-४० वर्ष हो चुके है. फिर उनसे उनके विवाद की वजह पूछी गयी तो दोनों वर्ग के कपल में भिन्न भिन्न वजह से झगडे होना बताया जैसे की पैसो को लेके स्वास्थ्य धर्म ईर्ष्या जाती को लेके भी मतभेद होना बताया.

जब शादीशुदा जीवन और उसके संबंध पर बात की तो युगल जोड़ो ने संतुष्टि और समाधान की बात कही. कैसे आपस में मिलकर जो भी कम होते है घर के बाहर के उनको मिलजुल के निपटना चाहिए और जब कभी साथ मिलके रहने का पूरा दिन वक्त मिले तो कैसे छुट्टी वाले दिन को बिताना चाहिए.

कुछ युगल(कपल) ने ऐसे मुद्दे पर बात की जो नित्य जीवन के है और आसान नहीं है. ऐसा विषय चुनना या ऐसे मुद्दे पे बात करना जो दैनिक दिनचर्या में कठिन हो यही तो विवाहिक जीवन की सफलता और सार्थकता है.

अगर युगल जोड़ो को ऐसा लगता है की हम अपने दैनिक विवाद खुद सुलझा सकते है तो यही उसकी वैवाहिक सफलता है जिसमे वो लोग सदैव प्रसन्न रहे सकते है. और अपना जीवन आसानी से साथ मिलकर व्यतीत कर सकते है. यही उनका आत्मविश्वास है जिसको हम सेल्फ कॉन्फिडेंस कहते है.

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