नई दिल्ली : शबनम को उसके परिवार के सात सदस्यों की निर्मम हत्या के मामले में उनकी दलीलों को खारिज कर दिया गया है और उनको फांसी दी जाएगी। शवनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार के 7 सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। शबनम का एक बेटा भी है। सलीम को भी मुकदमे का इंतजार है।
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दरसल 14 अप्रैल, 2008 की रात को भी उसने परिजनों के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं। इससे वे बेहोश हो गए, इसी बीच सलीम भी उसके पास आ गया। और फिर बाद में ऐसी बेरहमी से सबको हत्या कर दी थी।
खबर के मुताबिक़ शबनम-सलीम के केस में करीब 100 तारीखों तक जिरह चली, इसमें 27 महीने लगे, फैसले के दिन जज ने 29 गवाहों के बयान सुने, 14 जुलाई 2010 को जज ने दोनों को दोषी करार दिया था। अगले दिन 15 जुलाई 2010 को जज एसएए हुसैनी ने सिर्फ 29 सेकेंड में दोनों को फांसी की सजा सुना दी थी ।
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खबर के मुताबिक़ इस मामले में 29 लोगों से 649 सवाल पूछे गए है जो की 160 पन्नों में फैसला लिखा गया है. और तीन जजों ने पूरे मामलों की सुनवाई की, दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती भी दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था और राष्ट्रपति ने भी दोनों की दया याचिका खारिज कर दी थी, अब 13 साल बाद उन्हें फांसी मिलने जा रहा है ।