फिल्म तान्हाजी को ले कर सैफ अली खान के बयान से खड़ा हुआ विवाद, जाने क्यों सोशल मीडिया पर सैफ की हो रही हे जमकर खिंचाई

फिल्म “तान्हाजी: द अनसंग वारियर” आज कल बॉक्स ऑफिस पर काफी धूम मचा रही हे। फिल्म ने सिर्फ रिलीज़ होने के दस दिन के अंदर डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली हे। मूवी में सैफ अली खान के किरदार को लोग खूब पसंद भी कर रहे हैं। हालांकि खलनायक के भूमिका में दिख रहे सैफ अली खान ने फिल्म कम्पैनियन नमक एक मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में यह कह दिया की तान्हाजी के ऊपर बानी ये फिल्म की कोई ऐतिहासिक सत्यता नहीं हे।

खुद को एक इतिहास के बहुत बड़े पाण्डु बताने वाले सैफ अली खान को जब इंटरव्यू में एंकर ने फिल्म तान्हाजी को लेकर हो रहे राजनीति के बारे में उनकी राय मांगी तो सैफ अली खान बोले ” कुछ कारण से मेने अपना कोई स्टैंड नहीं लिया। पर में इतिहास को काफी अच्छी तरह जानता हूँ और मुझे लगता हे की तान्हाजी फिल्म में जिस इतिहास को दिखाया गया हे वो सच्चाई नहीं हे।”

बोलते बोलते उन्होंने यहाँ तक बोल दिया की अंग्रेज़ों के आने से पहले भारत नामक कुछ देश था ही नहीं। द आईडिया ऑफ़ इंडिया , माने , भारत की संकल्पना असल में अंग्रेजो ने किया और उन्ही के वजह से भारत एक देश के तौर पर जाना गया। इसके साथ साथ इन्होने यह भी कहा की देश जिस दिशा में बढ़ रहा हे उससे उन्हें यह नहीं लगता की भारत बहुत दिनों तक एक धर्मनिरपेक्ष देश के तौर पर रह पायेगा। यह कहने से पहले उन्होंने यह भी कहा की पाकिस्तान कभी बनना नहीं चाहिए था और उनके पूर्वजों ने एक सेक्युलर देश को चुना था पर अब एक दो पीढ़ी के बाद यह मुश्किल दिख रहा हे।

वैसे आपको यह बता दूँ की फिल्म रिलीज़ होने से पहले जब सैफ तान्हाजी को लेकर जो इंटरव्यू वगेरा देते थे, उसमे उन्होंने ये कहा था की तन्हाजी जैसे महानायकों के ऊपर फिल्म बननी चाहिए ताकि हमारे युवा पीढ़ी अपने महापुरषों का इस देश के प्रति अवदान के बारे में जान सके। फिल्म रिलीज़ होने के दस दिन के अंदर ही इस तरह के उलट बयान देकर खान ने सबको आश्चर्य चकित कर दिया हे।

हालांकि सैफ अली खान के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया में उनकी काफी खिंचाई हो रही हे। एक यूजर ने ट्विटर में लिखा की अगर ब्रिटिश आने से पहले इंडिया नाम की कोई चीज़ थी ही नहीं तो उन्होंने क्या सोच कर ” ईस्ट इंडिया कंपनी ” बनायीं थी।

एक और यूजर ने सैफ को पाकिस्तान के नाम पर ताना मरते हुए यह कहा की असल में कोलम्बस भारत की खोज में नहीं बल्कि पाकिस्तान की खोज में निकले थे और गलती से अमेरिका पहुँच गए।

हालांकि सैफ चाहे जो भी कहें भारत सांस्कृतिक रूप से हमेशा ही एक देश रहा हे और अंग्रेजों के आने से कई हज़ार साल पहले से भारत की संकल्पना हो चुकी थी। इसीलिए तो हमारे महाकाब्य को महाभारत कहा जाता हे ,और कुरुक्षेत्र की रणभूमि में जब भगवन श्री कृष्ण अर्जुन को सम्बोधन करते हैं तो भारत के संतान के रूप में करते हैं ना की हस्तिनापुर के या इंद्रप्रस्थ के या पाटलिपुत्र के या फिर कलिंग या तमिलनाडु के। भगवत गीता का “यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः ” तो आप सभी को पता होगा।

अंत में सैफ जी से में बस इतना ही अनुरोध करूँगा की इस तरह के बयानबाजी करने से पहले उनको देश की जनता की भावनाओं के बारे में सोचना चाहिए और इस तरह के बयानों से बचना चाहिए।

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