आज के आधुनिक युग में महिला पुरुष कंधे से कन्धा मिला कर काम करते है और आज की नारी इसको चुनौती मानती है आज के समय के कई ऐसे क्षेत्र है जहाँ नारी परुषो के बराबर काम करती है परन्तु कुछ ऐसे स्थान है जहाँ नारी अभी उनको चुनौती मानती है हिचकिचाती है पर नामुमकिन नहीं जैसे की बसों में कन्डक्टर ऑटो चालक शहर की छोटी बसों में अभी कंडक्टर अभी महिला नहीं है परन्तु अब महिलाओ ने ये कदम भी उठाया है अपने परिवार के लिए ।
कुछ महिलाएं कहती है की हमारे घर की आर्थिक स्तिथि कमज़ोर है और किसी से रोज़ रोज़ मदद भी नहीं मांग सकते कोई एक दिन की बात तो है नहीं ये तो जीवन यापन की बात है तो महिलाये कहती है की भीख मांगने से तो अच्छा है की हम खुद कुछ काम करे । घर की आर्थिक स्तिथि अगर सही नहीं होती है तो घरेलू हिंसाए भी बढ़ जाती है और रोज़ किसी का किसी बात की कलह होती है और उस हिंसा का शिकार महिला को होना पड़ता है ।
ऐसी ही कुछ महिलाये है जो हिंसा की शिकार हुई है उनके ससुराल पक्ष की और से उनको यातनाये दी जाने लगी तो उन महिलाओं ने आने सुसराल को छोड़ दिया और अपने माता पिता के घर जाकर अपने खुद के पैरो पर खड़ा होने का फैसला किया इसलिए उनको इ रिक्शा चलाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया और उनको इ रिक्शा दिलवाया भी गया इ ऍम आई पर, जिससे वो सभी महिलाये आत्म निर्भर रहे

हमने एक सर्वे किया उसमे कुछ महिलाओ से बात चीत की गयी तो हमने देखा की एक महिला ने आप बीती सुनाई मेरा पति ज़्यादा पड़ा लिखा नहीं है मेरी काम उम्र में ही शादी कर दी गयी थी और मेरा पति जो थोड़े बहुत पैसे कमाता है । वो नशे में बिगाड़ देता है ऐसे में घर चलना मुश्किल होता है । ऐसे में मेने काम करने का फैसला किया मै एक बस के मालिक के पास गयी कंडक्टर की नौकरी के लिए शुरू में तो उन्होंने दो चार दिन मुझे ऐसे ही सीखने के लिए भेजा अब मेने सब सीख लिया है अब मुझे कंडक्टर की नौकरी करते हुए दस माह हो आगये है और मेरे परिवार का पालन पोषण भी अच्छे से होने लगा है ।
एक और महिला से हमने बात की उनसे बताया की मेरे दो बच्चे है आर्थिक रूप से तो हमारा परिवार कमज़ोर है ही परन्तु जीवन चल रहा था उसी बीच मेरे पति ने किसी और महिला से प्रेम सम्बन्ध बना लिए और फिर उसने घर में पैसा देना बंद केर दिया और मार पीट करने लगा फिर उसने घर छोड़ दिया और किसी और महिला से विवाह कर लिया उसके बाद मुझे मेरा घर चलना मुश्किल हो गया उसके लिए मेने मदद मांगी और मेरी इ रिक्शा की मदद की गयी अब में अपने दोनों बच्चो को खुद पलती हूँ और अपने पैरो पे खड़ी हूँ ।