कांग्रेस के खिलाफ कृषि मंत्री के बयान के जवाब में वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पूछा ‘गोधरा क्या था?’

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नई दिल्ली : संशोधित कृषि कानून को लेकर सरकार और विपक्ष संसद में भिड़ गए है । राज्यसभा में शुक्रवार को कृषि कानून पर चर्चा हुई थी। विपक्षी दलों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की इस टिप्पणी पर अभीतक कोई कुछ नहीं कहा है, कृषि मंत्री ने कहा था की इस कानून में क्या गलत है, और भी किसान यह नहीं कह रहे हैं कि कानून में क्या गलत है। लेकिन हम सभी जानते हैं कि पानी कृषि के लिए आवश्यक है। तोमर ने कहा, “केवल कांग्रेस ही जानती है कि खून की खेती कैसे की जाती है।”

कृषि मंत्री के भाषण के अंत में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह जवाब देने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा एक सांप्रदायिक पार्टी । गोधरा, गुजरात की घटना पानी में थी या खून के मंत्री को जवाब देना है। इसी तरह, केंद्र सरकार ने किसानों के कानून पर संदेह के बीच अपने दो मंत्रियों को तैनात किया है। इसके पास एक गैर-किसान कृषि मंत्री है, जबकि दूसरे मंत्री के पास कॉर्पोरेट प्रवक्ता है। दिग्विजय सवाल करते हैं कि किसानों की चर्चा से इसका क्या हल निकलेगा।

हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक बार फिर सदन को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि कानून में ऐसी कोई समस्या नहीं है। किसानों को कानून के बारे में गलत संदेश दिया गया है, जिसके कारण वे विरोध कर रहे हैं। सरकार ने किसानों की भलाई के लिए कानून बनाए हैं। कृषि मंत्री ने राज्यसभा को यह भी बताया कि किसानों जो पसंद नहीं है उसमें संशोधन के लिए सरकार ने तैयार है ।

विपक्षी समूहों ने विधानसभा के बहिष्कार का आह्वान किया, और साथ ही ये भी कहा हे की सरकार किसानों को अपनी बिरोधी ना माने । यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच संघर्ष विराम अभी तक समाप्त नहीं हुआ है। एक तरफ, किसान कानून को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि वे उन्हें संशोधन के अलावा कुछ नहीं दे सकते। इसलिए किसान दिल्ली की सीमा में अभी भी धारणा पे बैठे हुए है।

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